Sirsa Bird House: घर की जरूरत सिर्फ इंसानों को ही नहीं, पशु-पक्षियों को भी होती है। भीषण गर्मी, कड़ाके की ठंड और धुआंधार बारिश से खुद को बचाने के लिए पशु-पक्षी भी आसरा ढूंढते हैं। इस बात को सिरसा में जैन समाज ने बखूबी समझा और फिर पक्षियों के लिए 21 मंजिला टावर बनवाया गया। बेसहारा पक्षियों के लिए इस आशियाने को बनाने में दस लाख रुपये खर्च हुए हैं।
इस बर्ड टावर में अब पक्षियों ने अपना घोसला बना लिया है या यूं कहें कि फ्लैट बुक कर लिए हैं। पक्षियों के 21 मंजिले आशियाने में खाने-पीने की भी व्यवस्था है। इसके पास में एक चबूतरा भी बनाया गया है, जहां लोग पक्षियों के लिए दाना-पानी रखते हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि 21 मंजिला आशियाना पूरे उत्तर भारत में सबसे पक्षियों के लिए बनाए गए घरों में सबसे बड़ा है।
करीब 10 लाख रुपये की लागत से बनाया ये आशियाना
यह आशियाना करीब 10 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है। इन आशियाना पक्षियों के खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। आशियाना के बिलकुल नजदीक ही एक चबूतरा (चुगा स्थल) भी बनाया गया है। जहां जैन समाज के लोगों के साथ कुछ दानी सज्जन भी पक्षियों के लिए दाने व पीने के पानी का इंतजाम करते है। सुबह से लेकर शाम तक पक्षी इस आशियाने में आते है और कुछ पक्षी तो इस आशियाने में रात्रि प्रवास भी करते है।
अब घायल पक्षियों के लिए बनाएंगे अस्पताल
अक्सर घायल पक्षी हमें रास्ते में नजर आते हैं, कुछ की लोग मदद करते हैं, लेकिन बहुत से पक्षी इलाज से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में अब जैन समाज के लोगों ने एक और फैसला लिया है। घायल पक्षियों के लिए अब अस्पताल भी बनाया जाएगा, जहां पक्षियों की देखभाल और उनका इलाज किया जा सके।
बेंगलुरु में देखा तो सिरसा में बनाया पक्षी आशियाना
आशियाना प्रोजेक्ट के सदस्य भूषण जैन ने बताया कि उनकी संस्था के प्रधान चंद्रयश जैन कुछ समय पहले बेंगलुरु गए थे, जहां उन्होंने पक्षियों के लिए बनाया गया आशियाना देखा तो उन्होंने भी उसी तरह का आशियाना सिरसा में बनाने का फैसला किया। रानियां रोड पर दादावाड़ी में पक्षियों के लिए एक 21 मंजिला आशियाना बनाया गया, जिसमें पक्षियों के रहने की उचित व्यवस्था है।
इस आशियाने में कबूतर, तोते समेत कई प्रवासी पक्षी आते हैं। इसके लिए दो लोगों की नियुक्ति की गई है, जो समय-समय पर इस आशियाने में आने वाले पक्षियों का पूरा ध्यान रखते हैं।