Opposition Meetng at Patna : कांग्रेस नेताओं सोनिया और राहुल गांधी को संयुक्त विपक्षी मोर्चे में शामिल होने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के प्रस्ताव को स्वीकार करने में सितंबर 2022 से मार्च 2023 तक सात महीने लग गए। Times Hindi को पता चला है कि उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा तैयार किए गए ‘एक के खिलाफ एक’ के फॉर्मूले को भी स्वीकार कर लिया है।
इसका मतलब हुआ कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 450 लोकसभा सीटों पर द्विध्रुवीय लड़ाई देखी जा सकती है। हालांकि, इस फॉर्मूले को अमली जामा पहनाने के लिए पटना में 12 जून को बुलाई गई एक मेगा विपक्षी बैठक को अब स्थगित कर दिया गया है।
23 जून को पटना में विपक्षी दलों की मीटिंग
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बुधवार को कहा कि ’12 जून को पटना में होने वाली विपक्ष की मेगा बैठक (Opposition Mega Meeting), अब 23 जून को पटना में होगी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) इसमें शामिल होंगे।’
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके तमिलनाडु समकक्ष एमके स्टालिन और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं।”
ये बैठक पहले 12 जून को होने वाली थी, लेकिन कांग्रेस और द्रविड मुनेत्र कषगम (DMK) समेत कुछ दलों की तरफ से तारीख में बदलाव का अनुरोध किए जाने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था।
23 जून को बैठक, राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने दिया समर्थन
प्रेस कॉफ्रेंस में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने विपक्षी एकता की बैठक की नई तारीख का ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि 23 जून को पटना में बैठक होगी। इसको लेकर सभी दलों के बीच सहमति बन गई है। कांग्रेस से राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बैठक को लेकर अपना समर्थन दे दिया है।
ममता, अखिलेश, केजरीवाल सहित ये सीएम होंगे शामिल
जदयू नेता ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ साथ स्टालिन, शरद पवार और डी राजा से भी सहमति मिल गई है। हालांकि इस मीटिंग में तेलंगाना सीएम केसीआर शामिल नहीं होंगे। मालूम हो कि विपक्षी एकता को लेकर कुछ माह पूर्व केसीआर खुद पटना पहुंचे थे लेकिन अब वे खुद नहीं आ रहे हैं।
कांग्रेस को लेकर क्षेत्रीय दलों की चिंता
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कर्नाटक के हालिया चुनाव में कांग्रेस की जीत विपक्षी एकता के लिए हानिकारक साबित हो सकती है, क्योंकि इस जीत ने देश की सबसे पुरानी पार्टी में अहंकार वापस ला दिया है। वरिष्ठ तृणमूल नेता ने Times Hindi से कहा, ‘ममता बनर्जी ने हर निर्वाचन क्षेत्र में द्विध्रुवीय लड़ाई के विचार पर सहमति व्यक्त की है, और वह लंबे समय से यही सुझाव देती रही हैं।
बीजेपी से लड़ने का दीदी का फॉर्मूला हमेशा से यही रहा है। उन्होंने कहा कि जिस जगह क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं, वहां लड़ाई में कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों को उनका समर्थन करना चाहिए। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंगाल में तृणमूल की राजनीतिक गतिविधियों के खिलाफ बयान देते रहे हैं। यह बंद होना चाहिए।’
तेजस्वी बोले- बैठक से आएगा सकारात्मक रिजल्ट
पटना में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी विपक्षी दल एक प्लेटफार्म पर आ रहे हैं। लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है। मुद्दे की बात नहीं हो रही है। तानाशाह रवैया अपनाया जा रहा है। देश में आज अघोषित आपातकाल की स्थिति है। 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की एक बड़ी बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद एक सकारात्मक रिजल्ट आएगा।