पिछले कुछ समय से देश में टमाटर, प्याज और अन्य कई सब्जियों की कीमतों में अचानक वृद्धि देखने को मिली। इसके चलते खाने-पीने के सामानों की कीमतें भी महंगी हो गई हैं। सब्जियों की बढ़ती कीमतों के चलते चलते देश में रिटेल महंगाई पिछले 42 महीनों के सबसे उच्चे स्तर पर पहुंच चुकी है। आपको बता दें जुलाई में खुदरा महंगाई दर ने 7.44% का आंकड़ा छूते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाया और इसके चलते लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण पिछले दिनों सब्जियों की कीमतों में हुई भारी वृद्धि है। हर रोज़ सभी सब्जियों में काम आने वाले टमाटर की कीमतें पिछले 65 महीने के उच्चतम स्तर पर जा पंहुची हैं। इसके अलावा अन्य सब्जियां भी महंगी हो रही हैं, जिसके चलते देश में महंगाई ने 7 फीसदी के आंकड़े को पार कर लिया है।
सब्जियों के महंगे होने से बढ़ी महंगाई
अप्रैल एवं मई के महीने में महंगाई में कमी आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रेपो रेट को स्थिर रखा गया है। मगर बढ़ती महंगाई के चलते RBI को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। टमाटर की कीमतों में हो रही भारी वृद्धि के चलते मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। टमाटर के अतिरिक्त प्याज एवं अन्य सब्जियों की कीमतों में भी वृद्धि देखने को मिली है।
इसके चलते खुदरा महंगाई दर पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। आपको बता दें जुलाई महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में हर साल होने वाले परिवर्तन का एक तिहाई हिस्सा सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के चलते दर्ज हुआ। सब्जियां रोज़ाना काम आने वाली चीज है। इसलिए इनकी कीमत में वृद्धि का असर आम इंसान की जेब पर पड़ता है जो CPI को प्रभावित करता है।
खुदरा महंगाई दर के बढ़ते आंकड़ों के चलते RBI के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। काफी टाइम से RBI महंगाई को कंट्रोल करने का प्रयास कर रहा है, जिससे इसे 2 से 6 फीसदी के दायरे में लाया जा सके। लेकिन जुलाई में CPI का आंकड़ा 6 फीसदी पार कर गया, जिससे रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया पर रेपो रेट में इजाफा करने का दबाव बढ़ रहा है।
महंगाई पर कब लगेगी लगाम
एक रिपोर्ट के मुताबिक फ़िलहाल महंगाई से राहत पाने के लिए आम लोगों को थोड़ा इंतजार करना होगा। अक्टूबर से दिसंबर के बीच सब्जियों की कीमतों में कमी आने की सम्भावना है, लेकिन उससे पहले एक बार फिरसे महंगाई बढ़ने की सम्भावना बताई जा रही है। सरकार द्वारा टमाटर की कीमत कंट्रोल करने हेतु नेशनल कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) की सहायता से दिल्ली एनसीआर सहित देश के कई बड़े शहरों में 70 रुपये किलो के हिसाब से बिक्री की जा रही है। इसके अलावा सरकार द्वारा नेपाल से टमाटर का आयात किया जा रहा है।