Patna Metro Project : दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार, पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) का 40 फीसदी काम लगभग पूरा हो गया है। इस कॉरिडोर पर बनने वाले सभी पिलर लगभग तैयार हो चुके हैं, जिन पर फिलहाल यू-गार्डर रखने का काम चल रहा है। गार्डर रखने के बाद आधार तैयार हो जायेगा, जिस पर ट्रैक बिछाने के साथ ही इलेक्ट्रिक आदि काम होंगे।
कॉरिडोर पर पांच मेट्रो स्टेशन का होगा निर्माण
इस रूट में पांच मेट्रो स्टेशन हैं, जिनमें मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल शामिल हैं। यह एलिवेटेड रूट लगभग सात किलोमीटर लंबा है, जो नए पड़ाव के पास ही बन रहे मेट्रो डिपो से भी जुड़ा होगा। डिपो निर्माण के लिए भी जमीन की बाधा दूर होने के बाद काम शुरू हो चुका है।
मेट्रो से जुड़े अफसरों के मुताबिक 2024 तक प्रायोरिटी कोरिडोर का सिविल काम खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। सबसे पहले प्रायोरिटी कोरिडोर के पांच स्टेशनों के बीच ही मेट्रो ट्रेन शुरू होने की उम्मीद है।
20 जून तक शुरू होगी दूसरी टीबीएम
मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस पड़ाव तक का प्रायोरिटी रूट कॉरिडोर-दो का हिस्सा है, जो पटना जंक्शन को वाया गांधी मैदान पाटलिपुत्र बस पड़ाव से जोड़ने वाला है। मलाही पकड़ी से आगे राजेंद्रनगर की ओर यह रूट भूमिगत है।
इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से खोदाई होगी। मोइनुलहक स्टेडियम के पास पहली टीबीएम महावीर के जरिए सुरंग खोदाई का काम सात अप्रैल से शुरू हो चुका है। डीएमआरसी के अनुसार, अगले महीने के दूसरे पखवारे में 20 जून के आसपास दूसरी मशीन भी सुरंग की खोदाई में लग जाएगी, इससे काम दोगुनी तेजी से पूरा होगा।
टीबीएम के बीच होगी 50 मीटर की दूरी
मेट्रो के भूमिगत स्टेशन के लिए अभी मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक सुरंग की खोदाई हो रही है। दोनों स्टेशनों के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा मेट्रो सुरंग बनना है, इसमें करीब पांच महीने का समय लगने का अनुमान है।
डीएमआरसी के अनुसार, एक टीबीएम से दूसरे टीबीएम के बीच कम से कम 50 मीटर की दूरी होगी। पटना विश्वविद्यालय के बाद अशोक राजपथ के नीचे पीएमसीएच होते गांधी मैदान तक सुरंग की खोदाई का काम शुरू होगा।