Imran Khan Death News: पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। पिछले 24 घंटों से सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान (Imran Khan) की मौत की अफवाहें जंगल की आग की तरह फैल रही हैं। दावा किया जा रहा था कि अडियाला जेल में बंद इमरान खान का निधन हो गया है। इन खबरों ने न केवल पाकिस्तान बल्कि दुनियाभर में उनके समर्थकों को बेचैन कर दिया।

हालात तब और बिगड़ गए जब उनकी बहनों और पार्टी कार्यकर्ताओं को उनसे मिलने से रोक दिया गया, जिसके बाद पीटीआई समर्थकों ने रावलपिंडी में हिंसक प्रदर्शन भी किए। आइए जानते हैं क्या है इन अफवाहों का सच।

क्या इमरान खान जिंदा हैं?

हाँ, इमरान खान जिंदा हैं। सोशल मीडिया पर चल रही उनकी मौत की खबरें पूरी तरह से फर्जी (Fake News) हैं।

बढ़ते तनाव और अफवाहों को देखते हुए अडियाला जेल (Adiala Jail) प्रशासन ने आधिकारिक बयान जारी किया है। जेल अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि:

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“इमरान खान बिल्कुल स्वस्थ हैं और जेल में सुरक्षित हैं। उनकी मौत या उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले जाने की खबरें निराधार हैं। उन्हें डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है।”

अफवाहें क्यों फैलीं? (Why Rumours Started)

इन अफवाहों के पीछे मुख्य कारण इमरान खान का ‘इनकम्युनिकेडो’ (Incommunicado) होना है, यानी बाहरी दुनिया से उनका संपर्क पूरी तरह काट दिया जाना।

  1. मुलाकात पर पाबंदी: पिछले कई हफ्तों से इमरान खान को उनके वकीलों और परिवार के सदस्यों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
  2. बहनों के साथ बदसलूकी: जब इमरान की बहनें (अलीमा और उज्मा खान) उनसे मिलने जेल पहुंचीं, तो पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया और कथित तौर पर उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद उन्होंने आशंका जताई कि उनके भाई के साथ अंदर कुछ अनहोनी हुई है।
  3. सोशल मीडिया पोस्ट: कुछ अफगानी और पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया कि जेल में ‘Slow Poison’ या हमले से उनकी मौत हो गई है, जिसने आग में घी का काम किया।

सेहत को लेकर चिंता (Health Update)

भले ही जेल प्रशासन उन्हें ‘फिट’ बता रहा हो, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इमरान खान कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्हें जेल में वर्टिगो (चक्कर आना) और सुनने में दिक्कत (Hearing Loss) जैसी समस्याएं हो रही हैं। पीटीआई ने मांग की है कि उनके निजी डॉक्टरों को तत्काल जांच की अनुमति दी जाए