Who is DSP Kalpana Verma: वर्दी का रूतबा और कानून की ताकत जब आम आदमी की सुरक्षा के बजाय उसे डराने का हथियार बन जाए, तो खाकी शर्मसार होती है। कुछ ऐसा ही मामला इन दिनों सुर्खियों में है, जिसने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है। चर्चा के केंद्र में हैं— डीएसपी कल्पना वर्मा (DSP Kalpana Verma)।
कभी अपनी सख्त छवि और तेज-तर्रार कार्यशैली के लिए जानी जाने वालीं डीएसपी मैडम आज खुद कानून के शिकंजे में फंसती नजर आ रही हैं। उन पर एक व्यापारी (Businessman) को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने और मोटी रकम वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं।
आखिर कौन हैं कल्पना वर्मा और क्या है यह पूरा माजरा? आइए परत-दर-परत जानते हैं।
कौन हैं डीएसपी कल्पना वर्मा? (Who is DSP Kalpana Verma)
कल्पना वर्मा पुलिस विभाग का एक जाना-माना नाम रही हैं।
- छवि: विभाग में उनकी पहचान एक ‘दबंग’ और ‘एक्शन ओरिएंटेड’ अधिकारी के तौर पर रही है। सोशल मीडिया पर भी उनकी फैन फॉलोइंग कम नहीं है।
- करियर: अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने कई बड़े क्रिमिनल्स पर नकेल कसी, जिसके लिए उन्हें वाहवाही भी मिली। लेकिन कहते हैं न कि शोहरत और ताकत का नशा कई बार भारी पड़ जाता है। ताजा मामला इसी की बानगी है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक स्थानीय बिजनेसमैन ने डीएसपी और उनकी टीम के खिलाफ मोर्चा खोला। पीड़ित व्यापारी का आरोप है कि डीएसपी कल्पना वर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके खिलाफ एक साजिश रची।
- झूठे केस का डर: आरोप है कि डीएसपी ने व्यापारी को किसी महिला संबंधी अपराध या गंभीर धारा में फंसाने की धमकी दी।
- वसूली (Extortion): “मामला रफा-दफा” करने के नाम पर लाखों रुपये की रिश्वत (Bribe) की मांग की गई।
- वायरल ऑडियो/चैट: सूत्रों के मुताबिक, इस लेन-देन से जुड़े कुछ कथित कॉल रिकॉर्डिंग्स और चैट भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं, जो डीएसपी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
व्यापारी का दर्द: “मुझे बर्बाद करने की धमकी मिली”
पीड़ित बिजनेसमैन ने अपनी शिकायत में कहा, “मैडम ने मुझे ऑफिस बुलाया और सीधा कहा कि या तो पैसे दो वरना ऐसा केस बनाऊंगी कि पूरी जिंदगी जेल में सड़ोगे। मैं डर गया था, लेकिन फिर मैंने हिम्मत करके उच्च अधिकारियों से शिकायत की।”
एक्शन मोड में विभाग
मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस मुख्यालय (PHQ) हरकत में आ गया है।
- आरोपों की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच (Departmental Inquiry) शुरू कर दी गई है।
- निष्पक्ष जांच के लिए डीएसपी को उनके मौजूदा पद से हटाया जा सकता है या ‘लाइन हाजिर’ किया जा सकता है।
- वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर आरोप सही पाए गए, तो सिर्फ सस्पेंशन नहीं, बल्कि बर्खास्तगी और FIR तक की कार्रवाई हो सकती है।