कोटा: राजस्थान की ‘कोचिंग सिटी’ कोटा (Kota) से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ के कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट (Kota Super Thermal Power Plant) परिसर में सोमवार को काम कर रहे एक संविदा कर्मचारी पर 12 से 14 फीट लंबे विशालकाय अजगर (Python) ने अचानक हमला कर दिया। अजगर ने कर्मचारी के पैरों को बुरी तरह जकड़ लिया, जिसके बाद प्लांट में हड़कंप मच गया।

क्या है पूरा मामला? (The Incident)

घटना सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे की बताई जा रही है। थर्मल प्लांट की यूनिट-5 के पास झाड़ियों में पाइपलाइन का वाल्व खोलने के लिए 53 वर्षीय संविदा कर्मी नंद सिंह (Nand Singh) गए थे। जैसे ही वह झाड़ियों के बीच पहुंचे, वहां पहले से छिपे बैठे एक विशाल अजगर ने उन पर हमला कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अजगर ने बिजली की तेजी से झपट्टा मारा और नंद सिंह के दोनों पैरों को अपनी कुंडली में जकड़ लिया। कर्मचारी ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन अजगर की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह जमीन पर गिर पड़े और मदद के लिए चिल्लाने लगे।

साथियों ने लाठी-डंडों से बचाई जान (Rescue Operation)

नंद सिंह की चीख-पुकार सुनकर आसपास काम कर रहे अन्य मजदूर मौके पर दौड़े। अपने साथी को मौत के मुंह में फंसा देख मजदूरों ने लाठी-डंडों और सरियों से अजगर पर हमला बोल दिया। करीब 10 से 20 मिनट तक चले संघर्ष के बाद, मजदूरों ने अजगर को इतना पीटा कि उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी, जिसके बाद नंद सिंह को खींचा गया।

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घायल कर्मचारी को तुरंत एमबीएस अस्पताल (MBS Hospital) ले जाया गया, जहाँ उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उनके पैरों में चोटें आई हैं।

अजगर की हालत गंभीर, वन विभाग दर्ज करेगा केस (Forest Department Action)

कर्मचारी को बचाने के गुस्से में साथी मजदूरों ने अजगर को लाठियों से बुरी तरह पीटा, जिससे वह अधमरा हो गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम और स्नेक कैचर मौके पर पहुंचे।

  • पशु चिकित्सक डॉ. विलास राव के अनुसार, अजगर के शरीर पर 50 से ज्यादा घाव हैं और उसका मुंह पूरी तरह कुचल दिया गया है। उसके बचने की उम्मीद बहुत कम है।
  • कोटा डीएफओ (DFO) मुथु एस ने कहा कि आत्मरक्षा में जान बचाना ठीक है, लेकिन जान बचाने के बाद भी वन्यजीव को क्रूरता से पीटना कानूनन अपराध है। वन विभाग उन लोगों की पहचान कर रहा है जिन्होंने अजगर को अनावश्यक रूप से चोट पहुंचाई और उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना के बाद थर्मल मजदूर संघ ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। कर्मचारियों का कहना है कि प्लांट परिसर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं, जिनकी सफाई नहीं की जा रही है। आए दिन यहाँ पैंथर, भालू और सांप जैसे जहरीले जीव निकलते रहते हैं, जिससे कर्मचारियों की जान को खतरा बना हुआ है।