नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के आरा से कद्दावर नेता आरके सिंह (RK Singh) पर बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित (Expelled) कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों और शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी के आरोप में की गई है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर केंद्रीय अनुशासन समिति ने यह फैसला लिया है, जिसकी जानकारी पार्टी के केंद्रीय कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।

क्या हैं आरके सिंह पर आरोप?

पार्टी सूत्रों के अनुसार, आरके सिंह पर पिछले कुछ समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और सार्वजनिक मंचों पर पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने के आरोप लग रहे थे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद से ही आरके सिंह लगातार अपनी पार्टी के संगठन और फैसलों पर सवाल उठा रहे थे।

उनकी कुछ बयानबाजियों को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना, खासकर जब उन्होंने कुछ चुनावी रणनीतियों और टिकट वितरण को लेकर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी। पार्टी सूत्रों की मानें तो उन्हें पहले भी इस तरह के बयानों से बचने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया।

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हालिया विवाद और एक्शन की वजह

बताया जा रहा है कि हाल ही में आरके सिंह ने एक क्षेत्रीय मीडिया से बातचीत के दौरान पार्टी के कुछ फैसलों पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि “पार्टी अब अपने मूल सिद्धांतों से भटक रही है और जमीनी कार्यकर्ताओं की आवाज को अनसुना कर रही है।” इसके अलावा, उन्होंने बिहार में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर भी शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा था।

पार्टी अनुशासन समिति ने इन बयानों का संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन उनके जवाब से पार्टी संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद, कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

आरके सिंह का राजनीतिक सफर

आरके सिंह एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और वे केंद्रीय गृह सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रह चुके हैं। राजनीति में आने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा और बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे केंद्र में ऊर्जा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे हैं। उनकी छवि एक ईमानदार और मुखर नेता की रही है।