हर घर में सब्जियां बनती ही है और कुछ चीजें ऐसी है जो हर सब्जी में जरूरी होती है जैसे कि प्याज, टमाटर और हरी मिर्च। आज कल बाजार में देखा होगा कि 10 रुपये प्रति किलो से भी सस्ते मिलने वाले टमाटर का भाव आसमान छू रहा है।
लगभग हर जगह टमाटर के भाव 100 रुपये प्रति किलो से पार जा चुके हैं और कहीं-कहीं तो टमाटर के भाव 240 रुपये प्रति किलो तक भी पहुंच चुके हैं। टमाटर के इस तरह महंगे होने के दुख को अभी लोगों ने सहा ही था कि इसके साथ ही अब प्याज की कीमतें भी लोगों को चौंकाने के लिए तैयार हैं।
आपको बता दें कि अब प्याज की कीमतें भी बढ़ने वाली है जिसके पीछे वजह यह है कि प्याज की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिससे बाजार में इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा प्याज की कीमततें 60-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। हालांकि यह भी है कि प्याज की कीमतें ज्यादा दिनों तक बढ़ी हुई नहीं रहेगी क्योंकि प्याज की नई फसल अक्टूबर महीने में आ जाएगी जिस वजह से कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ पाएंगे।
जैसा कि सभी को पता है कि किसी भी वस्तु की मांग और आपूर्ति में अगर बदलाव होता है तो उसकी कीमतों में भी बदलाव होता है। अगर मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं हो पाती है तो कि कीमतें बढ़ जाती है और अगर आपूर्ति के जितनी मांग नहीं हो होती है तो कीमतें काफी गिर जाती हैं। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर में खरीफ की फसल आ जाएगी जिस वजह से प्याज की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं देखने को मिलेगी और कीमतों में नरमी देखने को मिल सकती है।
करीब डेढ़ 2 महीनों तक प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा और कीमतें 60 से 70 रुपये तक पहुंच जाएगी। हालांकि फिर भी यह 2020 में हुई प्याज की कीमतों से कम ही रहने वाली है।
इसी साल जनवरी से लेकर मई तक प्याज की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी। उस वजह से किसानों में प्याज की फसल बोने की इच्छा कम ही हुई है और इस वजह से भी आपूर्ति कम होने के आसार नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस साल फसल का रकबा 8% कम रहने वाला है। प्याज का उत्पादन भी सालाना आधार पर 5% कम रहने का अनुमान दर्शाया जा रहा है।