Delhi Air Pollution : राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके NCR में लगातार वायु की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। जनसंख्या में बढ़ोतरी, औद्योगिक इकाइयों की संख्या और वाहनों के बढ़ने के बाद भी साल 2018 से लगातार वायु की गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है।
साल 2018 के बाद से ही दिल्ली एनसीआर में PM-10 में फीसदी और PM-2.5 में 9 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है। यह आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर किए गए रिसर्च में सामने आए हैं। इस रिपोर्ट को सीपीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में पेश की गई है रिपोर्ट में दावा किया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया है कि दिल्ली में लगातार प्रदूषण को कम किए जाने के लिए किया जा रहे उपायों के कारण वायु के गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसलिए PM-10 में 3 प्रतिशत और PM-2.5 में 9 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
दिल्ली एनसीआर के अलावा ऐसे प्रमुख शहर जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है, जैसे मुंबई, पटना, कोलकाता, जमशेदपुर, धनबाद,बेंगलुरु और चेन्नई शामिल है। इन शहरों को सम्मिलित करते हुए कुल 51 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि नाइट्रोजन और सल्फर ऑक्साइड की मात्रा में भी कमी देखी गई है।
प्रदूषण कम करने के लिए करें ये उपाय :
कूड़ा खत्म करने का वैज्ञानिक तरीका : CPCB की रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में गाजीपुर, भल्सवा और औखला लैंडफिल साइटों पर कूड़े को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक तरीका अपनाया गया है। इन जगहों पर विभाग द्वारा बायो माइनिंग और बायो रेमिड़ियेशन के जरिये कूड़ा खत्म किया जा रहा है। आपको बता दें कि बायो माइनिंग का इस्तेमाल सोने के खनन के लिए किया जाता है।
स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल पर जोर : इसके अलावा बताया गया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने औद्योगिक इकाइयों में पेट कोक जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही वह स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल करने पर भी जोर दे रहा है। दिल्ली और एनसीआर में लगातार CNG और PNG गैसों के इस्तेमाल से प्रदूषण को कम करने में सहायता मिली है।
पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने पर रोक : इसके अलावा बताया गया है कि दिल्ली एनसीआर के पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर रोक लगाने से भी वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसीलिए साल 2018 के बाद से लगातार प्रदूषण कम हो रहा है।