Cold Wave Alert: ठंड में अचानक क्यों रुक जाती है दिल की धड़कन? सुबह वॉकिंग पर जाने वाले ये 3 गलतियां भूलकर भी न करेंउत्तर भारत में ठंड का प्रकोप (Cold Wave) शुरू हो चुका है। सुबह घने कोहरे की चादर और बर्फीली हवाएं शरीर को कंपा रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ठंड सिर्फ आपको बीमार ही नहीं करती, बल्कि आपकी जान भी ले सकती है?
पिछले कुछ दिनों में अखबारों की हेडलाइंस डराने वाली हैं— “पार्क में टहलते वक्त बुजुर्ग गिरे, मौत”, “जिम करते हुए युवक को आया हार्ट अटैक”। सर्दियों में हार्ट अटैक (Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट के मामले अचानक बढ़ जाते हैं। डॉक्टर इसे ‘विंटर हार्ट सिंड्रोम’ कहते हैं।
अगर आप या आपके घर के बुजुर्ग भी कड़ाके की ठंड में सुबह-सुबह ‘फिटनेस’ के लिए मॉर्निंग वॉक पर निकल रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। आपकी एक छोटी सी गलती भारी पड़ सकती है। आइए समझते हैं कि ठंड में दिल पर इतना दबाव क्यों पड़ता है और इससे कैसे बचें।
ठंड में दिल ‘कमजोर’ क्यों हो जाता है?
जैसे ही तापमान गिरता है, हमारा शरीर खुद को गर्म रखने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में दो चीजें होती हैं:
- नसें सिकुड़ना (Vasoconstriction): ठंड के कारण हमारे शरीर की नसें (Blood Vessels) सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर (BP) बढ़ जाता है।
- खून का गाढ़ा होना: सर्दियों में हम पानी कम पीते हैं, जिससे खून गाढ़ा (Clotting) होने लगता है।
सिकुड़ी हुई नसों में गाढ़ा खून पंप करने के लिए दिल को दोगुना जोर लगाना पड़ता है। अगर किसी को पहले से हार्ट की कोई दिक्कत है, तो यह एक्स्ट्रा प्रेशर हार्ट फेलियर या अटैक का कारण बन जाता है।
Morning Walkers सावधान! ये 3 गलतियां भूलकर भी न करें
डॉक्टर्स का कहना है कि सर्दियों में सुबह 4 बजे से 8 बजे का समय दिल के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है।
गलती नंबर 1: बहुत जल्दी और अंधेरे में वॉक पर जाना अक्सर लोग पुरानी आदत के मुताबिक सुबह 5 या 6 बजे ही वॉक पर निकल जाते हैं।
- जोखिम: इस समय तापमान सबसे कम होता है। ठंडी हवा सीधे छाती पर लगती है, जिससे ‘एंजाइना’ (छाती में दर्द) हो सकता है।
- सलाह: जब तक धूप न निकल आए (सुबह 8-9 बजे के बाद), बाहर टहलने न जाएं। अगर संभव हो तो शाम को वॉक करें।
गलती नंबर 2: सिर और कान को खुला छोड़ना कई लोग जैकेट और जूते तो पहन लेते हैं, लेकिन सिर खुला रखते हैं।
- जोखिम: हमारे शरीर की 30% गर्मी सिर के जरिए बाहर निकलती है। सिर ठंडा होने पर शरीर का तापमान तेजी से गिरता है, जो ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
- सलाह: मफलर, टोपी (Cap) और दस्ताने जरूर पहनें। लेयर्स में कपड़े पहनें ताकि शरीर की गर्मी अंदर ही लॉक रहे।
गलती नंबर 3: वॉक से पहले पानी न पीना सर्दियों में प्यास नहीं लगती, इसलिए लोग बिना पानी पिए घर से निकल जाते हैं।
- जोखिम: डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे थक्का जमने (Clotting) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- सलाह: वॉक पर जाने से पहले कम से कम एक गिलास गुनगुना पानी जरूर पिएं।
इन लक्षणों को इग्नोर न करें
अगर ठंड में बाहर निकलने पर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत रुक जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें:
- छाती में भारीपन या जलन।
- जबड़े, कंधे या बाएं हाथ में दर्द।
- अचानक बहुत ज्यादा पसीना आना या सांस फूलना।
- चक्कर आना।
फिट रहना अच्छी बात है, लेकिन मौसम की नजाकत को समझना भी जरूरी है। जब तक कड़ाके की ठंड है, घर के अंदर ही योगा या हल्की एक्सरसाइज कर लें। खासकर 40 की उम्र पार कर चुके लोग और बुजुर्ग अपनी रूटीन में बदलाव जरूर करें। याद रखें, सावधानी ही बचाव है।