Cars For G20 Summit: भारत, जिसने इस बार G-20 Summit का आयोजन किया है, अपने नेताओं की सुरक्षा को लेकर कड़ी तैयारियों में जुट चुका है। जी-20 समिट, जिसमें दुनियाभर के महत्वपूर्ण लीडर शामिल होते हैं, 9 और 10 सितंबर को होगा। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए भारत सरकार ने 18 करोड़ रुपये के किराए पर 20 बुलेट प्रूफ कारें किराए पर ली हैं। इन कारों का उपयोग नेताओं की सुरक्षा के लिए किया जाएगा, और यह इस समिट के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में आएगा।
बुलेट प्रूफ कारें क्या होती हैं?
बुलेट प्रूफ कारें वे वाहन होती हैं जो गोली से सुरक्षा प्रदान करती हैं। इन कारों की बॉडी और विंडो ग्लास इतना मजबूत होते हैं कि गोली उन्हें पार नहीं कर पाती है। यदि कोई व्यक्ति इन कारों पर हमला करने की कोशिश करता है, तो उसकी गोली का असर कार के अंदर बैठे लोगों तक नहीं पहुंचता है।
बुलेट प्रूफ कारें विशेष तरीके से डिज़ाइन की जाती हैं ताकि वे विभिन्न सुरक्षा खतरों से बच सकें। कुछ कारें गोली के अलावा कैमिकल और मिसाइल अटैक से भी बच सकती हैं।
कैसे बनती हैं बुलेट प्रूफ कारें?
बुलेट प्रूफ कारें अकेले नहीं बनती हैं, बल्कि वे कार कंपनियों द्वारा तैयार की जाती हैं। इन कंपनियों द्वारा बनाई जाने वाली बुलेट प्रूफ कारें अधिकतर सैन्य, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के उपयोग के लिए तैयार की जाती हैं।
इन कारों की बॉडी को विशेष ढंग से डिज़ाइन किया जाता है ताकि वह गोलियों के प्रति सुरक्षित रह सके। इसमें विशेष धातुओं का उपयोग होता है, जैसे कि बुलेट प्रूफ स्टील और कोम्पोज़िट मैटेरियल्स। इसके अलावा, विंडो ग्लास को भी बुलेट प्रूफ बनाया जाता है, ताकि गोलियां उसे पार नहीं कर सकें।
जी-20 समिट के लिए 20 बुलेट प्रूफ कारें
इस बार क्योंकि G-20 Summit को भारत में आयोजित किया जा रहा है और दुनिया के बड़े नेताएं इसमें शामिल हो रहे हैं, सुरक्षा का विशेष महत्व है। भारत सरकार ने नेताओं की सुरक्षा के लिए 20 बुलेट प्रूफ कारें किराए पर ली हैं। इन कारों का इस्तेमाल यातायात के दौरान नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
बुलेट प्रूफ कारें नेताओं और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय होती हैं, और इनका उपयोग सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है। G20 समिट जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों में उनका उपयोग और भी महत्वपूर्ण होता है, जहाँ नेताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।