क्या आप उस दिन की कल्पना कर सकते हैं जब आपको इंटरनेट चलाने के लिए न तो किसी मोबाइल टावर की जरूरत पड़े और न ही जमीन के नीचे बिछी फाइबर केबल की? बस छत पर एक छोटी सी ‘छतरी’ (Dish) लगाओ और पहाड़ों से लेकर जंगलों तक… कहीं भी 5G से भी तेज इंटरनेट का मजा लो।
यह कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत है। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) अपनी कंपनी SpaceX के जरिए भारत में ‘Starlink’ की सर्विस शुरू करने के बेहद करीब पहुँच चुके हैं। साल 2025 के अंत तक मिल रहे संकेतों ने भारतीय टेलीकॉम दिग्गजों— Reliance Jio और Airtel की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
क्या है मस्क की ‘जादुई छतरी’ (Starlink)?
आसान भाषा में समझें तो अभी तक आपके फोन में इंटरनेट मोबाइल टावर से आता है। लेकिन स्टारलिंक का इंटरनेट सीधे अंतरिक्ष (Space) से आएगा।
- पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में मस्क ने हजारों छोटे सैटेलाइट्स का जाल बिछा रखा है।
- यूजर को बस एक ‘किट’ खरीदनी होती है, जिसमें एक रिसीवर (डिश) और राउटर होता है।
- इसे बस आसमान की तरफ सेट करना होता है और पल भर में आपका घर ‘हाई-स्पीड वाई-फाई जोन’ बन जाता है।
Jio और Airtel क्यों हैं परेशान?
भारत में अभी इंटरनेट डेटा की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं, जिस पर जियो और एयरटेल का राज है। लेकिन स्टारलिंक के आने से यह समीकरण बदल सकता है:
- कवरेज (Coverage): जियो-एयरटेल को दूर-दराज के गांवों या पहाड़ी इलाकों में टावर लगाने और फाइबर बिछाने में करोड़ों का खर्च आता है। स्टारलिंक के लिए यह बाएं हाथ का खेल है। वह लद्दाख की चोटियों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक एक जैसी स्पीड दे सकता है।
- स्पीड (Speed): सैटेलाइट इंटरनेट की स्पीड सामान्य ब्रॉडबैंड से काफी ज्यादा हो सकती है (300 Mbps तक)।
- नो डेड जोन: अक्सर बेसमेंट या घनी आबादी में नेटवर्क नहीं आता, लेकिन स्टारलिंक सीधे आसमान से कनेक्ट होता है, इसलिए ‘नेटवर्क डाउन’ की समस्या कम होती है।
भारत में कब होगी लॉन्चिंग?
ताज़ा रिपोर्ट्स और सरकारी बयानों के मुताबिक, भारत सरकार ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन (Spectrum Allocation) के नियमों को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। एलन मस्क की टीम लगातार भारत सरकार के संपर्क में है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2026 की शुरुआत में स्टारलिंक भारत में अपनी कमर्शियल सर्विस शुरू कर सकता है।
क्या यह महंगा होगा? (Price Factor)
यही वो पेंच है जहाँ Jio और Airtel बाजी मार सकते हैं। अमेरिका में स्टारलिंक की कीमत काफी ज्यादा है (लगभग 8-10 हजार रुपये महीना)। लेकिन भारत “प्राइस सेंसिटिव” मार्केट है।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि एलन मस्क भारत के लिए सस्ती योजनाएं (Subsidized Plans) ला सकते हैं।
- शुरुआत में यह सर्विस उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो रिमोट एरिया में रहते हैं या वर्क-फ्रॉम-होम करते हैं और फाइबर की समस्या झेल रहे हैं।