उत्तर प्रदेश के युवा लोगों को स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 25 लाख स्मार्टफोन दिए जाएंगे। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इन स्मार्टफोन खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 3600 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है और योजना पांच साल की अवधि की है। योगी सरकार के इस निर्णय से राज्य के युवाओं को उच्च शिक्षा, तकनीकी, सिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण और आईटीआई में तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा सकेगा।
3900 कोर्स और प्रोग्राम नि:शुल्क होंगे उपलब्ध
इस संबंध में, इंफोसिस द्वारा सीएसआर के तहत युवा वर्ग को डिजिटल सशक्तिकरण और स्किल डेवलपमेंट के लिए स्प्रिंगबोर्ड प्लेटफार्म राज्य सरकार को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें 3900 नि:शुल्क कोर्स और प्रोग्राम हैं। इससे युवाओं को नौकरी बनाने और सेवा देने में मदद मिलेगी। इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मदद से विद्यार्थी अपने करियर को और बेहतर ढंग से संवार सकेंगे।
यही नहीं, वह ऑनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। वह भी सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों का आसानी से लाभ ले सकेगा। तकनीकी में दक्ष युवाओं को नौकरी मिलने और अपना खुद का उद्यम शुरू करना भी आसान होगा। मालूम हो कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना पांच साल की है।
छात्रों को स्टाइपेंड के रूप में प्रतिमाह मिलेंगे 9 हजार रुपए
योगी सरकार ने कौशल विकास के माध्यम से डिप्लोमा और सभी स्कूलों में डिग्री प्राप्त करने वाले युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये इस अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल कार्यक्रम में खर्च किए हैं। छात्रों को इसके तहत मासिक 9 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में मिलेंगे। भारत सरकार इसमें 50 प्रतिशत हिस्सा देगी। यानी भारत सरकार 4500 रुपए देगी, जबकि एंटरप्रेन्योर जो इस प्रशिक्षण या अप्रेंटिसशिप को चलाते हैं, को 3500 रुपए देंगे। उत्तर प्रदेश सरकार 1000 रुपये देगी।