Haryana Nuh Violence : मेवात जिले में बवाल के बाद धारा-144 लागू कर दी है। डिप्टी कमिश्नर ने स्थानीय लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। जिले में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रित है। मेवात जिले में आगामी आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। जिले के डीएम ने टेलीकॉम कंपनियों को इससे जुड़े आदेश जारी कर दिए हैं। बवाल के बाद नूंह और मेवात क्षेत्र में इंटरनेट सेवा को अगले आदेश तक और कॉलिंग व मैसेज सर्विस को 2 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।
जिले में लगाई गई धारा-144
उन्होंने बताया कि जिला में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर धारा-144 लगाई गई है। इस दौरान पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, किसी भी प्रकार के लाइसेंसी हथियार या फायर आर्म्स, तलवार, गंडासा, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जेली, चाकू व अन्य हथियार लेकर चलने पर पाबंदी लगाई गई है। ये आदेश जिला में तुरंत प्रभाव से लागू किए गए हैं जोकि आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेंगे। जारी आदेशों की अवहेलना करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने की उपायुक्त ने की अपील
उपायुक्त आज अपने कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले में शांति व्यवस्था भंग करने वालों पर जिला प्रशासन की कड़ी नजर है और उपद्रव फैलाने की इजाजत किसी को भी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग इस दौरान अफवाहों पर ध्यान ना दें और किसी भी प्रकार की नकारात्मक टिप्पणी करने से बचें।
जिला में इंटरनेट सेवा हुई बंद
सोमवार को नूंह में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फरीदाबाद में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश दिया गया है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, 31 जुलाई को रात साढ़े आठ बजे से 2 अगस्त रात 11:30 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
पुलिस की पांच बड़ी नाकामियां
- नूंह के एसपी वरुण सिंगला छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में एएसपी ऊषा कुंडू जिले की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं। नूंह में बीते कुछ दिनों से पनप रहे उन्माद की भनक उनको नहीं लगी।
- अप्रैल में जिले के 14 गांवों में एक साथ 70 से अधिक साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी। इससे पुलिस को लगता था कि इससे उसे लगता था कि उसका खुफिया तंत्र बहुत मजबूत है, लेकिन इस बार वह काम नहीं आया।
- सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर का वीडियो वायरल हो रहा था। बृजमंडल यात्रा में नूंह के लोगों को भी बुलाया जा रहा था। बावजूद इसके साइबर टीम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
- पुलिस को पता था कि मोनू मानेसर के यात्रा में शामिल होने से माहौल बिगड़ सकता है। वह नासिर-जुनैद हत्या मामले में मुख्य आरोपी है। इसके बावजूद पुलिस द्वारा पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया गया था।
- नूंह हिंसा के बाद पुलिस की सीआईडी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की कमजोरी भी सामने आई है। ये पथराव करने वालों और उपद्रवियों की पहचान नहीं कर सके और माहौल बिगड़ गया।
केंद्र सरकार से पैरा मिलिट्री की तीन कंपनियां की मांग
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि नूंह में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा जा रहा है। नूंह के आसपास के जिलों से पुलिस बल शांति बहाल करने के लिए वहां पहुंच रहा है। शांति बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों से अपील है कि शांति से काम लें। उन्होंने कहा कि नूंह में काफी लोग फंसे हैं। इन लोगों को निकालने के लिए केंद्र सरकार से पैरा मिलिट्री की तीन कंपनियां मांगी गई हैं।