Geetika Sharma Suicide Case Update: हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा को कोर्ट ने दिल्ली के प्रसिद्ध गीतिका शर्मा सुसाइड केस में बरी कर दिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में एक और आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया। गोपाल कांडा एयरलाइंस में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अपने घर, अशोक विहार में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में, गीतिका ने इस कदम को कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को दोषी ठहराया था।
सुसाइड नोट मे क्या लिखा था
गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में, जो दो पेज का था, गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को दोषी ठहराया। कहा मैं आज अपने आप को खत्म कर रही हूँ क्योंकि मैं अंदर से टूट गई हूँ। मेरा भरोसा टूट गया है और मैं धोखा खाई हूँ। मेरी मौत के लिए दो लोग जिम्मेदार हैं: गोपाल कांडा और अरुणा अरुणा चड्ढा। दोनों ने मेरा भरोसा तोड़ा और मुझे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया। मेरे जीवन को इन लोगों ने बर्बाद कर दिया और अब वे मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों को उनके अपराधों की सजा मिलनी चाहिए।
वर्तमान मे विधायक है गोपाल कांडा
गोपाल कांडा फिलहाल सिरसा से अपनी पार्टी, हरियाणा लोकहित पार्टी से विधायक हैं। इस मामले के समय तक गोपाल कांडा को हरियाणा का सबसे बड़ा कारोबारी और नेता माना जाता था। उस समय वे भूपिंदर सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार में राज्य के गृह मंत्री थे। उन्होंने शहरी निकाय, उद्योग और वाणिज्य विभाग भी बनाए।
कौन थी गितिका शर्मा
वह इस कंपनी में बहुत जल्दी तरक्की करने लगी। एक के बाद एक प्रमोशन मिलने लगी। गीतिका का जन्मदिन भी फार्म हाउस में गोपाल कांडा ने धूमधाम से मनाया गया था। इसके चित्र भी सामने आए हैं। लेकिन गीतिका धीरे-धीरे परेशान होने लगी। उसने कंपनी छोड़ने का विचार किया।
गीतिका ने कुछ समय बाद कांडा की एयरलाइंस कंपनी छोड़ दी और दुबई चली गई। गीतिका एक बार फिर गोपाल कांडा की कंपनी में आई, लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने छोड़ दिया। गीतिका ने गोपाल कांड के अलावा अपने सुसाइड नोट में कंपनी की मैनेजर अरुणा चड्ढा को भी दोषी ठहराया था।
2012 मे किया था सुसाइड
गीतिका विधायक कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस थी। 5 अगस्त 2012 को, 23 वर्ष की उम्र में उसने दिल्ली के अशोक विहार में अपने ही फ्लैट में आत्महत्या कर दी। गीतिका के परिवार ने गोपाल को मौत का दोषी ठहराया और उसे परेशान करने का आरोप लगाया।