Business Partnership एक ऐसी Business Structure है , जहा दो या दो से अधिक लोग मिलकर व्यवसाय को चलाते है , वह न केवल मुनाफे को बाटते है बल्कि कोई नुकसान , रिस्क और ज़िम्मेदारी को भी आपस में बाटते है। Business Partnership Deed वो दस्तावेज जिसमें साझेदारी के सदस्यों के संबंधित अधिकार और दायित्वों को लिखा गया है और कल को कोई दिकत आती है तो कोर्ट अपने आप देख लेती है। लेकिन अगर कोई गलती से दोस्ती में पार्टनरशिप में कर बैठे तो दूसरे पार्टनर को जब भी मोका मिलेगा वोह फ्रॉड कर जाएगा और सारा पैसा भी खा जाएगा और आप कानूनी कुछ नहीं कर सकोगे।
Business Partnership Deed क्या होती है?
आज के समय में साझेदारी यानी पार्टनरशिप में व्यापार सामान्य बात हो गई है। साझेदारी में बिजनेस शुरू करने से पहले Partnership Deed कर लेना साझेदारी के लिए फायदेमंद साबित होगा। बिज़नेस पार्टनर भरोसेमंद, समान सोच वाला, बुरे हालात में साथ मिलकर चलने वाला होना चाहिए। ऐसे पार्टनर ना चुने जो आपके बुरे हालत का मोका पाकर आपके साथ फ्रॉड कर जाए।
Partnership Deed में साझेदारों की जिम्मेदारियां, लाभ और हानि, कमाई, बैंक से होने वाले लेन-देन और व्यापारिक कामों आदि से जुड़ी बातों का स्पष्ट रूप से विवरण होता है। Partnership Agreement में हर चीज लिखी होती है की कौन सा पार्टनर कौनसी-कौनसी चीज संभालेगा और कौनसी-कौनसी चीज चीज दूसरा पार्टनर संभालेगा।
पार्टनरशिप डीड दोनों पार्टनर की पार्टनरशिप को कानूनी रूप दे देती है। जिसके बाद कोई सा पार्टनर भी फ्रॉड नहीं कर सकता है। अगर करता भी है तो कोर्ट अपने आप सब देख लेती है। कोई भी पार्टनर किसी भी पार्टनर का पैसा नहीं खा सकता है। ना ही चालाकी से कोई भी प्रोजेक्ट को अपने अन्डर कर सकता है।
Business Partnership Deed के फायदे
पार्टनर कितना ही करीबी और भरोसेमंद क्यों न हो, चार्टर्ड अकाउंटेंट और लीगल एक्सपर्ट की मदद से पार्टनरशिप डीड (लिखित करारनामा) जरूर तैयार करा लें। लिखित करारनामा तैयार करने से भविष्य में कोई भी पार्टनर किसी भी पार्टनर को ढग नहीं पाएगा।
Partnership Deed का सबसे बड़ा फायदा यही है की किसी भी पार्टनर के फ्रॉड करने और मोटा पैसा खा जाने पर आपको पंचायत के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोर्ट अपने आप आपका हक आपको दिला देगी। अगर आपने Partnership Deed से पार्टनरशिप शुरू की होगी तो कोर्ट उस से क्या उसके बाप से भी पैसे निकलवा देगी।
कोई भी पार्टनर, बिज़नेस की चीजों को और ऑफिस स्टाफ को खुद के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है। जो-जो प्रोजेक्ट बिज़नेस में है और जो नए शुरू होते है वो दोनों के होते है, कोई भी पार्टनर ये नहीं कह सकता की “ये प्रोजेक्ट मेरा है, एक पैसा नहीं दूंगा, फ्री फंड के खाने की ना सोच।” पर असल में तो वोह ही खा रहा होता है फ्री फंड मे तो।
कोई भी पार्टनर दूसरे पार्टनर की मर्जी के बिना किसी भी बंदे को, अपने फॅमिली मेम्बर को या अपने दोस्तों को नौकरी पर नहीं रख सकता है। ना ही वो बिज़नेस की चीजों को अपने दोस्तों की मदद के लिए लगा सकता है। क्योंकि वो ऑफिस की चीजें होती है, उसके घर बनी हुई चीजे नहीं होती है।
जानिए एक्सपर्ट की राय
दिल्ली हाई कोर्ट में वकील राजेश आर्य कहते है “हमेशा Partnership Deed करवाकर ही पार्टनरशिप शुरू करे। दोस्ती को दोस्ती की जगह रखे और बिज़नेस को बिज़नेस की जगह रखे। दोस्ती और बिज़नेस दोनों को एक साथ रखने की गलती ना करे। वैसे तो हर कोई इंसान ऐसा नहीं होता लेकिन जिनको फ्रॉड करना होता है, वो फ्रॉड करने का मौका ढूंढते रहते है।’
जब भी मोका मिल जाता है वो आपके साथ फ्रॉड कर जाएंगे और सारा पैसा भी खा जाएंगे। और आप कुछ कर भी नहीं सकते, क्योंकि आपने Partnership Deed करवाई ही नहीं। आप कानूनी रूप से कुछ भी प्रूफ नहीं कर सकते की आप पार्टनरशिप में हो। और इसी का फायदा ऐसे Fraudster आसानी से उठा लेते है।
ऐसे लोग पहले मीठा मीठा बोलकर फ़सा लेते है बाद में आपका काट जाते है। कोशिश करें की ऐसे लोगों से पार्टनरशिप ना करे और अगर करनी पड़ भी जाए हमेशा कानूनी रूप से लीगल पार्टनरशिप करें। क्योंकि ऐसे लोगों का Blood DNA ही ऐसा ही होता है और पूरा खानदान का मकसद ही फ्रॉड करना होता है। ये बच्चों को जन्म से ही Fraud करना सिखाना शुरु कर देते है।
क्या हो अगर आप बीमार हो जाओ या मर जाओ ?
एक Business Partner हमेशा बिजनेस का हिस्सेदार रहता है चाहे उसका एक्सीडेंट हो जाए, चाहे वो बीमार हो जाए और चाहे वो मर जाए। उसकी बिजनेस में हमेशा हिस्सेदारी उतनी ही रहेगी जितनी शुरू में होती है, उनके बाद वो हिस्सेदारी उसके फैमिली मेम्बर (जैसे पत्नी, बच्चे और मां बाप) में ट्रांसफर हो जाती है। बस जरूरी है आपकी पार्टनरशिप कानूनी रूप से कराई हुई हो।
लेकिन अगर सिर्फ बोल चाल या दोस्ती में पार्टनरशिप हुई हो तो ये धोखाधड़ी करने वाले लोगों को मोका मिल जाता है फ्रॉड करने का। अगर आपका सिर्फ एक्सीडेंट हुआ हो तो वोह चाहेगा की आप बच ना पाओ और मर जाओ। क्योंकि फ्रॉड करने वाले लोगों को इसी चीज में फायदा होता है। कुछ केस में ये भी देखा गया है की ऐसे फ्रॉड वाले लोगों को फैमिली का फूल सपोर्ट होता है क्योंकि उनको सिर्फ पैसों से मतलब होता है चाहे किसी के साथ भी फ्रॉड करना पड़े।
जिस दिन आपका एक्सीडेंट या मौत होगी वो फ्रॉड करने वाले बिज़नेस पार्टनर उसी दिन से खेलने लग जाते है और सारी पेमेंट अपने खाते में मँगवाने लगते है। इसके साथ ही वो सारी चीजे अपने पास ट्रांसफर कर लेते है। और उसके बाद आपको और आपकी फैमिली को एक बड़ा सा सरप्राइज मिलेगा और आप चाहकर भी कानूनी रूप से कुछ नहीं कर पाओगे क्योंकि Partnership Deed तो अपने करवाई ही नहीं थी।
जैसा की पूरे आर्टिकल में बता दिया गया है की Partnership Deed कितना जरूरी होता है और क्योंकि करना चाइए। क्योंकि अगर आप ऐसे ही बिना पार्टनरशिप डीड के पार्टनरशिप कर लेते हो तो जब भी मोका मिलेगा दूसरा पार्टनर फ्रॉड कर जाएगा। और आप कानूनी तरीके से कुछ ही कर पाओगे। और उसको तो पैसे खाने ही थे तो वो घंटा आपको कुछ नहीं देगा और सारे प्रोजेक्ट और पैसे खुद खा जाएगा। इसलिए हमेशा दिल से नहीं दिमाग से सोचकर कानूनी तरीके से पार्टनरशिप शुरू करे।